
LATEST QUOTES




कारवाँ ए ज़िन्दगी | Dr. A. Bhagwat
मैंने बहुत शिद्दत से जाना है ;जब शामिल नहीं थी मैं “ कारवाँ ए ज़िन्दगी ” में तब भी भाग रही थी ज़िन्दगी; बेख़बर!और शामिल होने से मेरे

सोचने वाली बात 09 | प्रेम, अपनापन और आपसी समझ!
सोचने वाली बात है न कि यदि हमारे पास है कोई एक भी ऐसा खूबसूरत रिश्ता जो सालों साल बना रहा बिल्कुल एक सा….कोई एक भी ऐसा जो हमें हमारी तमाम परिस्थितियों के साथ बड़ी ही सहजता से स्वीकार सके!

a recipe for life
नमस्कार प्यारे दोस्तों,स्वागत है आप सभी का आपके अपने यूट्यूब चैनल “Lifearia” के इस मंच पर जहाँ आज हम पहली दफ़ा बनाने जा रहे हैं

पीर पराई
नमस्कार प्यारे दोस्तों,माफ़ी चाहती हूं!एक लssssम्बे बेमतलब ब्रेक के लिए!तो कैसे हैं आप सभी ?उम्मीद करती हूं कि प्रभु की कृपा से सब कुशल मंगल

रात….चांद….और मैं Dr. A. Bhagwat
Moon and me कल रात सोचा कुछ लिखूं चांद पर…!!और जब दिखा चांद तो नज़रें न कागज़ पर टिकीं न कलम पर….!!बस ठहर गई आसमां

भला कैसे टूट जाते हैं हमारे रिश्ते?
How does a Relationship break? नमस्कार प्यारे दोस्तों,स्वागत है आप सभी का आपके अपने यूट्यूब चैनल लाइफेरिया के इस मंच पर जहां आज हम जवाब
- OUR QUOTES PAGES -

Best Spiritual Quotes / Messages in Hindi with Images
प्रार्थनाओं से पहले और प्रार्थनाओं के बाद भी शेष रहता है… वो विश्वाश ही है! वर्च्युल मंच पर ज़ूमी, गुगली दस्तर ख्वान बिछाए रखिए…. बातों

Motivational Quotes in Hindi with Images
आपके घरों में भी चहचहाएंगी, गुनगुनाएंगी, फड़फड़ाएंगी, बतियाएगी, और आपको सुलाकर जागती रहेंगी सिरहाने…. किताबें !! यदि आप उन्हें अलमिरह के पिंजरे में कैद नहीं

Love Quotes in Hindi with Images
जब कभी दो लोग सोचने लगें सिर्फ़ एक दूजे के बारे में…. तो उन्हें ख़ुद के बारे में सोचने की कोई गरज़ ही नहीं बचती…अहं

Nature Quotes in Hindi with Images
यूं अकेले-अकेले फ़ोटो खिंचवाने का कोई शौक नहीं है मुझको !! क्यों अकेला हूं मैं ? कहाँ गए साथी मेरे ? ये तो पता ही
नज़रिया - ए - लाइफेरिया
मेरे अपनो ,
जब भी मैं देखती हूं आप सभी को तो आप सभी में ख़ुद को पाती हूं और जब कभी ख़ुद को देखती हूं तो आप सभी नज़र आ जाते हैं मुझको ! क्योंकि दरअसल हम सभी एक ही हैं ।हम सभी के दिल बिल्कुल एक से धड़कते हैं । कोई गहरा दुःख ,कोई गम्भीर परेशानी में उतर जाती है हम सभी की शक्लें ….फ़िर किसी ख़ुशी, किसी सुक़ून के लम्हें में बिखर जाती है मुस्कुराहट हम सभी के चेहरों पर…..ताज़्ज़ुब तो बस इस बात का है कि ये कोई नई बात नहीं जो मुझे आपको या आपको मुझे समझानी पड़े….फ़िर भी न जानें क्यों “इंसान” नाम का “समझदार प्राणी” आख़िर समझता क्यों नहीं ! या शायद समझना ही नहीं चाहता !
जबकि ये हुनर तो ऊपरवाले ने हम सभी को बख़्शा ही है कि ग़र रो सकें हम किसी के ग़म में तो दुःखों को हल्का कर दें और यदि ख़ुश हो सकें तो दोगुना कर दे ख़ुशी किसी की !
तो प्यारे साथियों,
“लाइफेरिया” सुक़ून और ख़ूबसूरत एहसासों का एक ऐसा ही अनोखा नुक्कड़ है जहाँ दिली और दिमाग़ी सरगोशियों के संग यक़ीनन ज़िन्दगी मुस्कुराएगी ।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि मेरे इस प्रयास में आप सभी का सकारात्मक सहयोग हमेशा की तरह बना रहेगा । और हम सभी रूबरू हो सकेंगे उस सत्य के कि हम सभी की ज़िंदगी में कुछ सकारात्मक इज़ाफ़ा करने के लिए हमेशा ही पैसों की गरज़ नहीं होती । हम अपने भाव-विचार,ज्ञान, बर्ताव, सहानुभूति, प्रेम,समर्पण,स्नेह अपनापन और आपसी समझ से दुनिया को बदल सकते हैं यदि नहीं तो कमसकम ख़ुद को तो बदल ही लेंगे… है न !