Saaf Safai Hindi Poem by Dr. A. Bhagwat
सफाई! सफाई!
सफाई! सफाई!
लो शुरू हो गई,
दीवाली की सफाई…!
इसके पहले हो घर की सफाई!
इसके पहले हो दुकानो की सफाई!
आओ करें चलो हम मन की सफाई!
कि तन के भी पहले हो मन की सफाई!
मन तक जो पहुंचे तो मिले गंदे भाव भी!
तो मन से भी पहले हो भावों की सफ़ाई!
भावों तक जो पहुंचे तो विचार भी मिलेंगे ही!
भावों से पहले ही हो विचारों की सफ़ाई!
विचारों तक पहुँचकर आचार भी मिलेंगे कुछ!
तो विचारों से पहले हो आचरण की सफाई!
आचरण जो शुद्ध हुए तो समझो हम बुद्ध हुए!
कर्म हुए नेक फिर बिन फल की फिक्र किए!
निष्काम कर्मों से ही आए जीवन में सफ़लताई!
तो आओ इस दिवाली करें जीवन की सफाई!
सफाई! सफाई!
सफाई! सफाई!