Enjoy Collection of the best Life Quotes in Hindi about life, love, success, relation, failure and more. by dr. A. Bhagwat
ढूंढ रही हूं तेरा पता,
तू है कहाँ ज़िन्दगी ये तो बता???

वो जो उसके साथ नहीं रहती न!
देखना बस वही उसके साथ रहती है!

काश! ब्लॉक करने से ही मिट जाती यादें मेरी!
कुछ हद तक तो कम हो जाती परेशानी तेरी!

बड़े रंगीन खिलते हैं !…….रिश्तों के कैक्टस,
कैक्टस से रिश्तें !!

बाहर प्यासी मौत खड़ी हो तो
भूख भीतर ही मर जाती है !!

तुम्हारा तो सिर्फ़ कैमरा ही है,
पर हमारा तो पूरा जीवन रहा……. ब्लैक एंड व्हाइट !!

इस क़दर बढ़ाओ जीने की चाहत कि
आख़िर यू टर्न लेना ही पड़े……. ज़िन्दगी को !!

हम तो चलो नहीं निकले घरों से सड़कों पर !
मगर उनका क्या हुआ ? सड़क ही जिनका घर थी !

बातों को कभी भी पुल पार करने की गरज़ नहीं होती… उस ओर पहुँचने के लिए !!
क्योंकि दरअसल बातों के पुलों ही से पहुंचते हैं एहसास दिलों तक….!!

वक्त का अच्छा होना ज़्यादा ज़रूरी है,
गुज़रने या ठहरने से कहीं अधिक और सही-ग़लत होने से पहले !!

ज़िन्दगी के साइड मिरर में, सिरफ़ वही यादें दिखाई देती हैं
जो पीछा करते हुए नज़दीक पहुंच गई हों…..
दूर छूट गई धुंदली बातों का कौन रुक कर इंतज़ार करता है…!!

अदरक की कड़क चाय-सा…”मन”
अब कच्ची कैरी का पना हुआ !!

ताज़्ज़ुब होता है इसकी बर्दाश्तगी पर ! देखने से तो ये ‘मोहतरम‘ इतने मज़बूत नहीं दिखते !!!

यदि आपकी स्वेच्छा नहीं बना तो हमारी भी मजबूरी बन जाएगा “मास्क” !!!

जब सो जाता है युवा सड़क पर होकर बेरोज़गार…
तब मर जाती हैं सारी व्यवस्थाएं होकर बेकार…!!

फ़क़त इल्ज़ाम लगाने से ही कोई कातिल नहीं होता !!
न पकड़े गए हों गुनाह, वो क्या गुनाहगार नहीं होता ??

इज़्ज़त का वज़न दौलत से कहीं अधिक होता है इसलिए
उसकी ख्वाहिश में ईमानदार, लगन से मेहनत करता है और
दौलत का पुजारी दुगनी मेहनत से षड्यंत्र और भ्रष्टाचार !!

मरहम मिले उन्हें, गिरना जिनकी फ़ितरत थी !!
हम सम्भले हुए, अपनी सिसकियां छुपा रहे हैं !!

रूख़ हवाओं का पूछो उनसे,
जिनके तर्ज़ुबे हवा नहीं !!
उनसे क्या जिन नौसिखियों ने,
जहां में कुछ भी सहा नहीं !!

ये तो झरे हुए पत्ते ही हैं,
जो जानते हैं ये सत्य कि दरअसल गिर कर नहीं पर सुख कर गिरे हैं वो….
तो आओ जान ले हम भी कि गिर कर टूटते है हम…
या फ़िर टूट कर गिरते हैं !!

ग़र अपने होठों पर चाहिए वही पुरानी वाली मुस्कराहट….
तो उन्हें कभी नए कपड़े भी देना….
वरना उनके होठों पर तो पुराने कपड़ों में भी होती है
नई सी मुस्कराहट !!

कौनसा ख़याल पहला होता है,
इंसानी ज़हन में…?
टूटी चीजों को देखकर…
चोट किसी की या नुकसान अपना…!!

तुम कि जिसकी हर बाउंसर बॉल को बहुत ज़बरदस्त खेला है मैंने,
क्या बनी रहोगी साथ मेरे जब लौटूंगी मैं पविलियन की ओर…
“ज़िन्दगी”

मूड कर देखने से कभी लौटता नहीं,
गुज़रा हुआ….
जो बह गया, सो बह गया
वक्त का दरिया…..!!

फ़कत धागें बांधने से ही कब मुरादें क़ुबूल हुआ करती हैं…!!
हौसलों की रंगत के बगैर तो हर ख्वाहिश अधूरी, हर ख़्वाब बेरंग है…!!

हर दफ़ा नई ही होती हैं….
पुराने घर की यादें ……है न !!

आओ ज़िंदगी की दहलीज़ पर फ़िर माथा टेक आएं….!!

जिस्मानी मज़बूती की बात नहीं है जनाब !
छोटी सी क्यों न हो पर चुभती हुई कोई बात तो
किसी पहलवान पर भी भारी पड़ सकती है…है न !!

कितने खोए हुए होते हैं किसी की तलाश में रहने वाले लोग….
कि फ़िर उनके मिल जाने पर भी ख़ुद ही को ढूंढते रहते हैं..!!

प्रार्थना के लिए उठा एक हाथ ही,
असम्मति और अभिशाप के हज़ारों हाथों से बड़ा होता है…!!

प्रभु को हमें आशीषित करने के लिए,
हमारे प्रार्थना में उठे हाथों की गरज़ नही होती…
क्योंकि प्रार्थनाएं तो सदैव आभारी मन की स्वाभाविक उपज होती हैं…

आपके कोमलतम प्रेम से ही संभव है,
शक्तिसम्पन्नता !
जिससे संभव हुआ सदा कोमल बने रहने का सामर्थ्य !

ज़िंदगी बेहद ख़ूबसूरत होती है,
जब ये ख़ूबसूरत लगती है,
तब नहीं जब ये सिर्फ ख़ूबसूरत दिखती है… है न !!

तजुर्बों की साजिशें निशां छोड़ गईं
वगरना बुढ़ाना हमारी फ़ितरत न थी…!!

इसकी बन्दूक में है गोली किसी अंजान के नाम की….
इसके नाम का कफ़न भी तो कोई अंजान ही लेकर निकला है…!!

युद्ध इंसानियत को ज़मीदोज़ कर,
हैवानियत को ज़मीं पर उतार देते हैं !!

ख़याल ज़हन में था तब भी ठीक था….
अब तो एन चेहरे पर दिखाई देने लगी हो तुम….!!

किसी के बारे में बस यूंही सोचते रहने के लिए इंसान होने की ज़रूरत नहीं होती …
अहं !!!

मकानों को रंगने से कुछ नही होता…
जो घरों की शोभा न बढ़ाए वो “रंगत” कैसी…!!

जीवन को छोड़कर सब कुछ जाना
जीवन के बारे में हमनें…!!

जब कभी ये दुनिया तुम्हें एलियन समझने लगे तो
यकीन करना कि यदि तुम्हारा अस्तित्व है तो
उस दुनिया का भी होगा, जहां के तुम हो….
और जो यक़ीनन तुम्हारे इंतज़ार में है !!

दूसरी आग तो मृत्योपरांत ही जलाती है हमें,
परन्तु जीवन भर जलाती है कम्बख़त पहली “पेट की आग”…!!

काटे जाने लायक नहीं होता कभी भी कोई झुर्रियों वाली त्वचा….
पेड़ भला क्यों सूखे देख कर काट दिए जाते हैं !!

छोटा हो या बड़ा इंसानियत की ओर हर क़दम सराहनीय ही है …

पुश्तैनी मकान बेच कर खरीदी हुई यादें बहुत महंगी पड़ती हैं…!!

किसी को इतना भी न झुकाओ,
कि वो उठे तो बौना कर दे तुम्हें !

मैं बढ़ रही हूँ,
तुम्हारी जानिब क़दम दर क़दम…!!
ज़िंदगी तुम भी तो कभी बनोगी न मेरी हर क़दम…!!

ज़िंदगी की किताब का हर वो पन्ना ख़ूबसूरत है,
जिस पर किसी के लिए “माफ़ी” लिखी हो….!

ज़िंदगी का साथ नहीं छोड़ते कभी..!!
ज़िंदगी से छूटे हुए लोग…!!

जिसके माथे धूप पड़ी हो कड़ी…
कदमों में उसी के छावं गिरा करती है…!!

मत देखना ज़ख्म अपनें…..
पर ज़रूर देखना कि वो तुम्हें कहाँ पहुंचाते हैं…!!

अंधेरें नहीं ये उजाले बताते हैं कि ‘सूर्योदय’ हो चूका है….!!

मायूसी के स्याह घुप्प अंधेरे भी थोड़ी – सी जगह तो छोड़ ही देते हैं…….
उजली उम्मीदों की ख़ातिर….!!

मटकों में सिरफ़ पानी ही नहीं पर भरी होती है
हमारी प्यास भी….!!

हज़ारों ईंटें जब खो देती हैं,
वज़ूद अपना
तब कहीं एक दीवार बनती है…!!
और हम जो रखते हैं अविश्वास का सीमेंट, नासमझी की ईंटें…!!
पूछते हैं रिश्तों में दीवार क्यों बनती है आख़िर…!!

जी भर जी लूं ज़िंदगी…..
इससे पहले कि दुनिया सिखा दे डील करना
ज़िंदगी….!!

by Dr. A. Bhagwat
*this life quotes and images you can personal use only. not for commercial uses.