मिट्टी के दीये by Dr. A. Bhagwat
mitti ke dipak poem in hindi घर भी मिट्टी के होते हैं!और सपने भी मिट्टी के उनके !जो मिट्टी के दीए बेचने,प्लास्टिक के बाज़ार में आ जाते हैं!जैसे बारिश में कागज़ की कश्ती लिए आते हैं!लोग इधर आकर उधर से गुज़र जाते हैं!फ़िर दिन दीवाली के कुछ और क़रीब आते हैं!बाजूवाले के प्लास्टिक दीए सारे …