कुछ शेर फ़क़त उनको सुनाने के लिए हैं
यूं तो बहुत सी बातें होती हैं! घरों में, बाहर, लोगों से, गैरों से, गैरों से, अपनों से, परायों से, मगर कुछ बातें होती हैं या कुछ भी बातें होती हैं उस फितरत की, कि जिनका वास्ता होता है सिर्फ खुद से या फिर किसी ऐसे से जो हमें खुद से भी ज्यादा अज़ीज़ हो! …