कविता : मैं तुमसे प्यार करती हूँ
मैं तुम्हारी मुहब्बत में हूँ , पता है …… ?तुम्हारे इश्क़ में दिवानी – दिवानी !!तो क्या हुआ कि तुम नज़रे इनायत भी नहीं करती हो मेरी जानिब ; मगर मैं फिर भी तुम पर मरती हूँ !कभी मन करता है कि कॉलर पकड़कर पुछूँ तुमसे …. क्यूँ इतना इतराती हो भई …