सोचने वाली बात 03 : क्या ये भी अब दूसरे ही तय करेंगे कि हमारे जीने की दशा और दिशा क्या होगी !
प्यारे दोस्तों,बेहद स्वागत है आप सभी का सोच और समझ के इस नुक्कड़ पर जहाँ हम मिलते हैं बस ख़ुद ही से, अपने आप से !हाँ ! पर मैं माफ़ी चाहती हूं इतने लंबे अंतराल के बाद आपसे मिलने के लिए…. आपने देखा होगा कि अक्सर हमारे परिवार में ही ,हमारा कोई अपना ही, ऐसा …