poem in hindi

diwali ki saaf safai

सफाई! सफाई! दिवाली की साफ़ सफाई…!

Saaf Safai Hindi Poem by Dr. A. Bhagwat सफाई! सफाई!सफाई! सफाई! लो शुरू हो गई,दीवाली की सफाई…! इसके पहले हो घर की सफाई!इसके पहले हो दुकानो की सफाई! आओ करें चलो हम मन की सफाई!कि तन के भी पहले हो मन की सफाई! मन तक जो पहुंचे तो मिले गंदे भाव भी!तो मन से भी …

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meditation poem hindi

चलो भाग चलें भीतर की ओर…..

चलो भाग चलें भीतर की ओर….. ये वक़्त जब बाहर निकलना मुमकिन नहीं !तो क्यों न भीतर ही मुड़ा जाए !उन रास्तों पर बढ़ाए जाएं कदमजो बाहर से जाते हैं भीतर की ओर….और पहुंचा जाए वहां जो हमारी असल ज़मीन है, जो सिर्फ़ हमारी अपनी है !तो क्या हुआ कि हम अक़्सर पहुंच नहीं पाते …

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poem on corona virus in hindi by lifearia

Poem on Corona Virus / Covid-19 in Hindi

क्या-क्या हो रहा है न इन दिनों ! सोना चाहो तो नींद नहीं ! आँख खुले तो चैन नहीं ! भोजन मिले तो भूख नहीं ! जल मिले तो प्यास नहीं ! फुर्सत में तो हम सभी हैं पर बेफ़िक्र हममें कोई नहीं ! घण्टों बैठे रहें मगर दिल को कहीं आराम नहीं ! सारा …

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alingan hug poem hindi

कविता : आलिंगन

पहचानों आलिंगन को  !उसे ही तो महसूस किया था हमने पहले पहल….जब पाया था ख़ुद को अपनी माँ की बाहों में !फ़िर कितने ख़ुश हुए थे हम , जब बाबा ने भरा था बाहों में….. पहली दफ़ा ! और  याद करें कि रक्षाबंधन पर सरप्राइज़ विज़िट पर कितने स्नेह से आलिंगनबद्ध हुए थे  हम अपनी प्यारी …

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hindi kavita poem tum panchi

कविता : तुम पंछी मैं शाख़

पेड़ों  पर ही उग आए थे हम – तुम प्यार की  बारिश में भीगे – भीगे मुहब्बतों की खुशबुओं से महके – महके फिर  हालातों की  आँधियों से लड़े थे संग – संग  ये  बात और है कि पकते – पकते  उग आए थे  पँख  भी तुम्हारे  और पूरी तरह पकने से पहले ही नाप ली थी तुमने ऊँचाइयाँ  आकाश की और …

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a letter from corona

कविता : कॅरोना का ख़त, सैनिटाइजर के नाम

पेश ए ख़िदमत है करोना पर मेरी एक ताज़ा तरीन हास्य कविता ” कॅरोना का ख़त सेनेटाइज़र के नाम”प्लीज़ ग़ौर फ़रमाइएप्यारे दोस्त ,तुम सेनेटाइज़र हो मेरे और…मैं तुम्हारी कॅरोना….!!!अब मुझसे मुक्ति के लिए तुम इतनी भी ज़िद करो ना !!तुम्हारे लिए ही जानेमन, मैं चायना से उठ कर आई हूं!भारत के लिए तोहफ़े में आत्म …

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akant

कविता : एकांत

‘एकांत’ हमें ले जाता है…. ‘एकांत’ हमें ले जाता है…. भीड़ से दूर…कोलाहल से दूर….ख़ुद की ओर….प्रकृति की ओर..जीवन की ओर…!और जीवन की ओर जाकर ही लौटाई जा सकती है मृत्यु असमय ।इससे पूर्व कि ‘अकेला’ कर दे कॅरोना हमें….क्यों न हम एक होकर जान लें ‘एकांत’ का महत्व..तो शुक्रिया करो न ‘कॅरोना’ का…!!कि उसकी …

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love you poem

कविता : मैं तुमसे प्यार करती हूँ

मैं  तुम्हारी  मुहब्बत  में  हूँ ,  पता  है …… ?तुम्हारे  इश्क़  में  दिवानी –  दिवानी !!तो  क्या हुआ  कि  तुम   नज़रे   इनायत  भी नहीं  करती हो  मेरी  जानिब ; मगर  मैं  फिर भी  तुम  पर मरती हूँ !कभी  मन  करता है कि  कॉलर  पकड़कर  पुछूँ    तुमसे  …. क्यूँ  इतना  इतराती हो भई …

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