अपनी ख़ुशी से अपना ही दिल तोड़ना पड़ा…!!
अपनी ख़ुशी से अपना ही दिल तोड़ना पड़ा…!! आंखें बंद थी!पलकों पर झूल रहे थे ख़्वाब…होंठों पर मिलने की आस….मुस्कान बन कर महक रही थी!एक दूजे को याद कर फूले नहीं समां रहे थे हम….एक लंबा सफ़र जो तय किया था ,इक दूजे के बग़ैर….अब ख़त्म होने को था !मन्नते सच होने जा रही थी …