दिल के नक़्शे को बदल कर रख दिया है, गालों पर पड़े थप्पड़ ने!
थप्पड़ परम्परा…! “थप्पड़ परम्परा!”दिल के नक़्शे को बदल कर रख दिया है, गालों पर पड़े थप्पड़ ने!हाँ! अभी “थप्पड़” देख रही हूं मैं!यूँ तो अकेली ही हूँ….!पर यूँ लग रहा है कि जैसे कई कई …शायद हज़ारों स्त्रियां मेरे भीतर हैं जो देख रही हैं… हज़ारों साल….. कई सदियां…. कई युग …पीछे जाकर!एक “थप्पड़”! जिसकी …
दिल के नक़्शे को बदल कर रख दिया है, गालों पर पड़े थप्पड़ ने! Read More »