सोचने वाली बात 09 | प्रेम, अपनापन और आपसी समझ!
सोचने वाली बात है न कि यदि हमारे पास है कोई एक भी ऐसा खूबसूरत रिश्ता जो सालों साल बना रहा बिल्कुल एक सा….कोई एक भी ऐसा जो हमें हमारी तमाम परिस्थितियों के साथ बड़ी ही सहजता से स्वीकार सके!
सोचने वाली बात है न कि यदि हमारे पास है कोई एक भी ऐसा खूबसूरत रिश्ता जो सालों साल बना रहा बिल्कुल एक सा….कोई एक भी ऐसा जो हमें हमारी तमाम परिस्थितियों के साथ बड़ी ही सहजता से स्वीकार सके!
नमस्कार प्यारे दोस्तों,माफ़ी चाहती हूं!एक लssssम्बे बेमतलब ब्रेक के लिए!तो कैसे हैं आप सभी ?उम्मीद करती हूं कि प्रभु की कृपा से सब कुशल मंगल है और आप सभी जहाँ भी हैं ख़ुश हैं!, स्वस्थ हैं!…..और हाँ मैं भी ठीक ही हूं!!क्या यहाँ आपने ग़ौर फरमाया प्यारे दोस्तों ?कि आपसे मिले बग़ैर भी मैं कितनी …
लॉक डाउन और ज़िंदगी….. {Lockdown And Life}अब एक महीना गुज़र चुका है…. लॉक डाउन हुए ! और कुछ सोच रही थी मैं …..तभी…. एक नन्हीं प्यारी सी तितली न जाने कहाँ से आकर …बस बैठी और उड़ भी गई फ़ूल से……मेरे सोचने से पहले ही…सम्भवतः मैं कुछ लिखती उस पर ….पर इससे क्या फ़र्क पड़ता …
नमस्कारस्वागत है आप सभी का आपके अपने “लाइफेरिया” के इस मंच पर जहां आज हम शुरुवात कर रहे हैं श्रृंखला“सोचनेवाली बात “ सोचने वाली बात -01 सोचने वाली बात है न ! कि अक़्सर हम सोचा हुआ कुछ क्यों नहीं कर पाते हैं ?दरअसल यहां हमें उन लोगों पर ध्यान देने की ज़रूरत है जिन्होंने …
सोचने वाली बात 01 : अक़्सर हम सोचा हुआ कुछ क्यों नहीं कर पाते हैं ? Read More »
सुनो ! खाना ठंडा हो रहा है जल्दी खाओ !ट्रेन निकलने को है, जल्दी पकड़ो भाई !ऑफ़िस नहीं जाना क्या ? उठो जल्दी उठो !कबतक सोते रहोगे ? परीक्षाएं सर पर हैं ,चलो उठो ,पढ़ाई करो !अलग करो भाई! गिला और सूखा कचरा, कचरा गाड़ी आगे निकल जाएगी!अरे! बंद करो कुकर तीन सिटी आ चुकी …
सोचने वाली बात 05 : लव यू ज़िन्दगी (Love You Zindagi) Read More »
पंछी को क्या पता कि कौन शिकारी घात लगाए बैठा है…कल मिला था जो दाना पानी वो आज नसीब भी होगा या नहीं !!पर इस एक ख़याल से ही वो रद्द नहीं कर देता उड़ानें अपनी ! कि उसको यक़ीन है अपने पंखों से कहीं ज़्यादा अपनी परवाज़ों पर, अपने फैसलों पर, अपने हौसलों पर …
सोचने वाली बात 04 : दिल पर ले ले यार… और दिमाग पर भी Read More »
How to think Positive in Hindi एक विचार बस अभी अभी आया है । बस कुछ ही क्षणों में ये बीत जाएगा बग़ैर अपनी कोई निशानी छोड़े और कोई दूसरा विचार उसका स्थान ले लेगा फिर कुछ इसी तरह तीसरा, चौथा और पाँचवा विचार ।विज्ञान कहता है कि प्रतिदिन हमारे मन में लगभग 50 हज़ार …
विचार प्रबंधन (लेख/वैचारिक निबन्ध) Thought Management Read More »